*घर घर आएंगे गणपति बप्पा*
खुटला कला
गणेश चतुर्थी के आते ही लगी सजी दुकाने जहां शहरों के जैसे ही आज गांव में भी गणेश जी की मूर्तियों की अलग-अलग जगह दुकानें सजी वही ग्राम खुटला में एक ऐसी दुकान जहां हर साल अलग अलग प्रकार की मूर्तियों को लाकर चेतन राठौर द्वारा इसे सजाया जाता है वह विक्रय किया जाता है उनका कहना है कि व हर वर्ष मूर्तियों को नए-नए कलाकृतियों द्वारा बनाई हुई लाते हैं वह विक्रय करते हैं प्रति वर्ष उनकी संख्या बढ़ती जा रही है यहां आस-पास के गांव वाले भी आकर उनकी दुकान से ही मूर्तियों को लेकर जाते हैं वही उनका मानना है कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमा का विराजमान करना बहुत ही शुभ माना जाता है अपने घर की सभी सुख दुख को विघ्नहर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है
खुटला कला
गणेश चतुर्थी के आते ही लगी सजी दुकाने जहां शहरों के जैसे ही आज गांव में भी गणेश जी की मूर्तियों की अलग-अलग जगह दुकानें सजी वही ग्राम खुटला में एक ऐसी दुकान जहां हर साल अलग अलग प्रकार की मूर्तियों को लाकर चेतन राठौर द्वारा इसे सजाया जाता है वह विक्रय किया जाता है उनका कहना है कि व हर वर्ष मूर्तियों को नए-नए कलाकृतियों द्वारा बनाई हुई लाते हैं वह विक्रय करते हैं प्रति वर्ष उनकी संख्या बढ़ती जा रही है यहां आस-पास के गांव वाले भी आकर उनकी दुकान से ही मूर्तियों को लेकर जाते हैं वही उनका मानना है कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमा का विराजमान करना बहुत ही शुभ माना जाता है अपने घर की सभी सुख दुख को विघ्नहर लेते हैं इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता माना जाता है
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