संचालक डॉ. बी.एन. चौहान द्वारा ली गई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक
संचालक डॉ. बी.एन. चौहान द्वारा ली गई स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप मोजेस ने बताया कि दिनांक 6 जुलाई 2018 को दोपहर 1 बजे से कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सभाकक्ष में भोपाल से आये संचालक डॉ. बी.एन. चौहान ने स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक ली। तीन दिवसीय प्रवास पर बैतूल आयें डॉ. चौहान के साथ डॉ. पंकज शुक्ला, डॉ. उपेन्द्र दुबे, डॉ. हिमांशु जायसवाल, डॉ. शीला मीणा, डॉ डी.के हेड़उ सहित बीस अन्य अधिकारी सम्मिलित रहे।
कॉमन रिव्यू मिशन अगस्त के अंतिम सप्ताह के आगमन की तैयारियों के संबंध में की गई समीक्षा डॉ. चौहान ने निर्देशित किया कि आरएमएनसीएच के अंतर्गत बेहतर कार्य करें। संस्था स्तर पर सभी रजिस्टर में रिकार्ड विधिवत दर्ज करें। सकारात्मक रूप से मिलजुल कर समय सीमा में कार्य करें। सभी प्रसव केन्द्रों को सक्रिय करें। घर पर प्रसव को रोका जाय। सभी प्रसव केन्द्रों में एएनएम रहें कोई भी सब सेन्टर खाली न रहें। मातृत्व स्वास्थ्य की समीक्षा करते हुये डॉ. चोैहान ने कहा कि रक्तचाप उपकरण व्यवस्थित रहे अतिरिक्त बैटरी उपलब्ध रखे। एएनसी चेैकअप हेतु टेबल की व्यवस्था रहे। हीमोग्लोबिन डब्ल्यू एच ओ कलर स्केल से लें। गर्भवती महिला का पार्टोग्राफ संधारित करें। सभी संस्थाओं पर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं कि सूची उपलब्ध हो साथ ही उनका केस रिकार्ड संधारित करें। महिला स्वास्थ्य शिविर में रैफर की गई महिलाओं की जानकारी संधारित करें। प्रसव कक्ष पर पदस्थ एएनएम का स्किल लेैब, एसबीए एवं दक्षता प्रशिक्षण यदि नही हुआ है तो कराना सुनिश्चित करें। प्रसव कक्ष में 24 घण्टे रनिंग वाटर, विद्युत बैकअप, फ्रिज एवं लेबर ट्रे फंक्शनल हो 16 प्रोटोकाल पोस्टर/बुक रूप में प्रदर्शित हों 0 एवं 2 नम्बर मास्क उपलब्ध रहे क्लोरिन का ढका हुआ घोल रखें वॉल क्लाक तथा थर्मा मीटर उपलब्ध हो 27 प्रकार कि औषधियां उपलब्ध हों। प्रसव के एक घण्टे के भीतर नवजात को मॉ का दुध पिलाने के समझाईश दें
बीमॉक एवं एल-1, एल-2 संस्थाओं से रैफर करते समय रैफर स्लिप सदा संस्था में रखे एवं समय पर रैफर करें ताकि मॉ एवं शिशु की जान बचाई जा सके। बायोमेडिकल वेस्ट एवं अस्पताल प्रबंधन की समीक्षा में निर्देशित किया गया कि सभी संस्थाओं में डायरेक्शन साईनेज लगायें व्हील चेयर, स्ट्रेचर आदि प्रवेश द्वारा पर उपलब्ध हो हेंड वाशिंग फैसिलिटी विथ सोप की व्यवस्था एवं 6 सोपान प्रदर्शित करें। कायाकल्प के समस्त निर्देशों का पालन करें। कम्प्यूटराइज्ड ओपाीडी मेल एवं फीमेल तथा वरिष्ठ नागरिक हेतु अलग- अलग हों। इन्फैक्शन कन्ट्रोल कमेटी कि हर माह रिपोर्ट भेजें। शौचालय साफ रखें सफाई एवं सुरक्षा गार्ड यूनिफार्म में रहें। डस्टबिन पीला, लाल, हरा एवं सफेद क्रमशः पट्टी, ब्लड बैंग प्लास्टिक, संक्रमिक कांच के टुकड़े एवं नुकीले कांच के टुकरे के अंतर्गत रहें। अस्पताल में बाउण्ड्रीवाल, काउकेचर, लॉन, मरीज व अटेण्डेंट के बैठने की व्यवस्था, अनिवार्य दवाईयों की सूची, संधारित रिकार्ड, ई-औषधि अपडेशन इत्यादि संधारित रहें। स्वास्थ्य संवाद केन्द्र में गतिविधियां हों। डॉ. चौहान द्वारा आई.डी.एस.पी., मलेरिया, क्षय, कुष्ठ, अंधत्व, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, आर.बी.एस.के., किशोर स्वास्थ्य, एन.आर.सी., एन.सी.डी., रैफरल ट्रांसपोर्ट, आयोडीन, फ्लोरोसिस, तम्बाकू नियंत्रण, एवं आई.ई.सी. कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. प्रदीप मोजेस, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरूण कुमार शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. ए.के. भट्ट, समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी, जिला चिकित्सालय के चिकित्सक, समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त खण्ड विस्तार प्रशिक्षक, समस्त बी.पी.एम. एवं बी.सी.एम. उपस्थित रहे।
दिनांक 7 जुलाई 2018 को डॉ. बी.एन.चौहान एवं राज्य स्तरीय दल द्वारा जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में भ्रमण एवं निरीक्षण का कार्य जारी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रदीप मोजेस ने बताया कि दिनांक 6 जुलाई 2018 को दोपहर 1 बजे से कार्यालय मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के सभाकक्ष में भोपाल से आये संचालक डॉ. बी.एन. चौहान ने स्वास्थ्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों की बैठक ली। तीन दिवसीय प्रवास पर बैतूल आयें डॉ. चौहान के साथ डॉ. पंकज शुक्ला, डॉ. उपेन्द्र दुबे, डॉ. हिमांशु जायसवाल, डॉ. शीला मीणा, डॉ डी.के हेड़उ सहित बीस अन्य अधिकारी सम्मिलित रहे।
कॉमन रिव्यू मिशन अगस्त के अंतिम सप्ताह के आगमन की तैयारियों के संबंध में की गई समीक्षा डॉ. चौहान ने निर्देशित किया कि आरएमएनसीएच के अंतर्गत बेहतर कार्य करें। संस्था स्तर पर सभी रजिस्टर में रिकार्ड विधिवत दर्ज करें। सकारात्मक रूप से मिलजुल कर समय सीमा में कार्य करें। सभी प्रसव केन्द्रों को सक्रिय करें। घर पर प्रसव को रोका जाय। सभी प्रसव केन्द्रों में एएनएम रहें कोई भी सब सेन्टर खाली न रहें। मातृत्व स्वास्थ्य की समीक्षा करते हुये डॉ. चोैहान ने कहा कि रक्तचाप उपकरण व्यवस्थित रहे अतिरिक्त बैटरी उपलब्ध रखे। एएनसी चेैकअप हेतु टेबल की व्यवस्था रहे। हीमोग्लोबिन डब्ल्यू एच ओ कलर स्केल से लें। गर्भवती महिला का पार्टोग्राफ संधारित करें। सभी संस्थाओं पर उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं कि सूची उपलब्ध हो साथ ही उनका केस रिकार्ड संधारित करें। महिला स्वास्थ्य शिविर में रैफर की गई महिलाओं की जानकारी संधारित करें। प्रसव कक्ष पर पदस्थ एएनएम का स्किल लेैब, एसबीए एवं दक्षता प्रशिक्षण यदि नही हुआ है तो कराना सुनिश्चित करें। प्रसव कक्ष में 24 घण्टे रनिंग वाटर, विद्युत बैकअप, फ्रिज एवं लेबर ट्रे फंक्शनल हो 16 प्रोटोकाल पोस्टर/बुक रूप में प्रदर्शित हों 0 एवं 2 नम्बर मास्क उपलब्ध रहे क्लोरिन का ढका हुआ घोल रखें वॉल क्लाक तथा थर्मा मीटर उपलब्ध हो 27 प्रकार कि औषधियां उपलब्ध हों। प्रसव के एक घण्टे के भीतर नवजात को मॉ का दुध पिलाने के समझाईश दें
बीमॉक एवं एल-1, एल-2 संस्थाओं से रैफर करते समय रैफर स्लिप सदा संस्था में रखे एवं समय पर रैफर करें ताकि मॉ एवं शिशु की जान बचाई जा सके। बायोमेडिकल वेस्ट एवं अस्पताल प्रबंधन की समीक्षा में निर्देशित किया गया कि सभी संस्थाओं में डायरेक्शन साईनेज लगायें व्हील चेयर, स्ट्रेचर आदि प्रवेश द्वारा पर उपलब्ध हो हेंड वाशिंग फैसिलिटी विथ सोप की व्यवस्था एवं 6 सोपान प्रदर्शित करें। कायाकल्प के समस्त निर्देशों का पालन करें। कम्प्यूटराइज्ड ओपाीडी मेल एवं फीमेल तथा वरिष्ठ नागरिक हेतु अलग- अलग हों। इन्फैक्शन कन्ट्रोल कमेटी कि हर माह रिपोर्ट भेजें। शौचालय साफ रखें सफाई एवं सुरक्षा गार्ड यूनिफार्म में रहें। डस्टबिन पीला, लाल, हरा एवं सफेद क्रमशः पट्टी, ब्लड बैंग प्लास्टिक, संक्रमिक कांच के टुकड़े एवं नुकीले कांच के टुकरे के अंतर्गत रहें। अस्पताल में बाउण्ड्रीवाल, काउकेचर, लॉन, मरीज व अटेण्डेंट के बैठने की व्यवस्था, अनिवार्य दवाईयों की सूची, संधारित रिकार्ड, ई-औषधि अपडेशन इत्यादि संधारित रहें। स्वास्थ्य संवाद केन्द्र में गतिविधियां हों। डॉ. चौहान द्वारा आई.डी.एस.पी., मलेरिया, क्षय, कुष्ठ, अंधत्व, शिशु स्वास्थ्य, टीकाकरण, आर.बी.एस.के., किशोर स्वास्थ्य, एन.आर.सी., एन.सी.डी., रैफरल ट्रांसपोर्ट, आयोडीन, फ्लोरोसिस, तम्बाकू नियंत्रण, एवं आई.ई.सी. कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. प्रदीप मोजेस, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरूण कुमार शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. अशोक बारंगा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. ए.के. भट्ट, समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी, जिला चिकित्सालय के चिकित्सक, समस्त खंड चिकित्सा अधिकारी, समस्त खण्ड विस्तार प्रशिक्षक, समस्त बी.पी.एम. एवं बी.सी.एम. उपस्थित रहे।
दिनांक 7 जुलाई 2018 को डॉ. बी.एन.चौहान एवं राज्य स्तरीय दल द्वारा जिले की स्वास्थ्य संस्थाओं में भ्रमण एवं निरीक्षण का कार्य जारी है।
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