जन उत्सव के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया गया आदिवासी दिवस

संरक्षित रहे आदिवासी समाज की संस्कृति एवं विरासत - जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावलकर
जन उत्सव के रूप में उत्साहपूर्वक मनाया गया आदिवासी दिवस
बैतूल, 09 अगस्त 2018
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सूरजलाल जावलकर ने कहा कि आदिवासी समाज की बोली, भाषा, संस्कृति एवं विरासत अनमोल है। हम सबको मिलकर इसको संरक्षित करना जरूरी है। हम हमारी बोली कोरकू एवं गोंडी जैसी भाषा का भी सम्मान करें। हम सब इस देश का अभिन्न हिस्सा हैं। सभी संगठित रहकर शिक्षित बनें एवं समाज का विकास करें। साथ ही देश के विकास में अपना योगदान दें। श्री जावलकर गुरूवार को जिला मुख्यालय पर आयोजित आदिवासी दिवस को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बैतूल विधायक श्री हेमन्त खण्डेलवाल, भैंसदेही विधायक श्री महेन्द्र सिंह चौहान, मुलताई विधायक श्री चन्द्रशेखर देशमुख, घोड़ाडोंगरी विधायक श्री मंगलसिंह धुर्वे सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक श्री हेमन्त खण्डेलवाल ने कहा कि आदिवासी दिवस के गरिमामय आयोजन के लिए सरकार ने पूरे इंतजाम किए हैं। साथ ही अवकाश भी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हितों के संरक्षण एवं उनको विकास की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए सरकार सतत् प्रयासरत है। संबल योजना में भी ज्यादा से ज्यादा आदिवासी वर्ग को लाभ दिया जा रहा है। समाज के सभी लोगों से अपेक्षा है कि वे एकजुट रहकर अपने बच्चों को शिक्षित करें एवं प्रतिभावान बच्चों को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 50 लाख की लागत से एक मंगलभवन का भी भूमिपूजन किया गया, जिसमें आदिवासी समाज के मांगलिक कार्यक्रम एवं अन्य आयोजन हो सकेंगे। इस अवसर पर विधायक भैंसदेही श्री महेन्द्र सिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार जनजातीय संस्कृति एवं विरासत के संरक्षण के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। कार्यक्रम में पूर्व संसदीय सचिव श्री रामजीलाल उइके ने प्रदेश में जनजातीय हित में किए जा रहे कार्यों को रेखांकित किया। जनजातीय शिक्षा के प्रांत प्रमुख श्री बुधपाल सिंह ने जनजातीय इतिहास एवं सरकार द्वारा उनके लिए किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सब इस देश के मूल निवासी हैं। सभी को संगठित रहकर अपना विकास करना होगा। इस अवसर पर जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री नरेश फाटे ने कोरकू एवं गोंडी भाषा में आदिवासियों के लिए संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम को मांझी सेना के श्री श्रवण कुमार परते, जनजातीय शिक्षा के जिला प्रमुख श्री नागोराव सिरसाम ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में जनजातीय कलाकारों एवं स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। इस दौरान आदिवासी समाज के प्रतिष्ठितजन श्री बाबूलाल भगत, श्री नानकराम मानसकर, श्री लालू ठुमन्या, श्री सूरजलाल जालवकर, श्री सुंदरलाल परते, श्री बुद्धू कास्दे एवं श्री सोमू टेकाम को शाल-श्रीफल से सम्मानित किया गया। इसके अलावा एमपीपीएससी में उच्च पदों पर चयनित जिले के विद्यार्थियों को भी अतिथियों ने सम्मानित किया। अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित एवं मेधावी छात्र भी कार्यक्रम के दौरान सम्मानित किए गए। आदिवासी कलाकार भी इस आयोजित में सम्मानित किए गए। सम्मेलन में सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे वनाधिकार पत्र, आवास योजना एवं अन्य के हितलाभ भी हितग्राहियों को प्रदान किए गए। सम्मेलन स्थल पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के धार जिले में आयोजित कार्यक्रम से सीधे प्रसारण को भी उपस्थित दर्शकों द्वारा देखा एवं सुना गया। कार्यक्रम का संचालन श्री डीडी उइके द्वारा किया गया। इस दौरान भारत भारती के श्री मोहन नागर, पूर्व विधायक श्रीमती गीताबाई उइके, श्री राजेश सरियाम, श्री बसंत माकोड़े सहित कलेक्टर श्री शशांक मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक श्री डीआर तेनीवार भी मौजूद थे। 

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